Monday, September 27, 2010

वरुण की कविताओं ने दिल चुराया

30 साल के फिरोज वरुण गांधी भगवा पार्टी बीजेपी के बड़े 'उत्साही' मेंबर हैं और अपने भड़काऊ भाषणों की वजह से जेल की हवा भी खा चुके हैं। इसके अलावा उनकी खासियत है उनकी क्रिएटिविटी। 20 साल की उम्र में उनकी कविताओं का कलेक्शन निकला था। उनकी यही क्रिएटिविटी उन्हें यामिनी के नजदीक ले आई थी। बंगाल की बाला यामिनी ग्राफिक डिजाइनर हैं। वह दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ चुकी हैं। उन्होंने पैरिस की सोबॉन यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट्स का कोर्स किया है।

यामिनी के पिता सुनील रॉय चौधरी पूर्व राजनयिक थे। नजदीकी दोस्त बताते हैं कि दोनों की मुलाकात 2004 की गमिर्यों में न्यू यॉर्क में हुई थी। बीजेपी को उस साल संसदीय चुनावों में जबर्दस्त हार मिली थी। वरुण अमेरिका में छुट्टियां मना रहे थे और यामिनी वरुण के दोस्त का रेस्टोरेंट डिजाइन करने वहां आई थीं।

लंदन में परवान चढ़ा प्यार
इसके बाद दोनों अचानक लंदन में एक ओपरा के दौरान मिले, फिर दोनों ने एक साथ थाई डिनर किया। वरुण लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में पढ़ चुके थे और लंदन का चप्पा-चप्पा जानते थे। सो यामिनी को लंदन की सैर कराने निकल पड़े। जल्द ही दोनों वापस दिल्ली आए और मिलते रहे। दोस्त बताते हैं तभी से वरुण बंगाली कल्चर में खास इंटरेस्ट लेने लगे। यामिनी के बारे में पूछने पर वरुण कहते हैं, एक बेहतरीन इंसान है यामिनी जो न केवल खूबसूरत है बल्कि बहुत हिम्मत वाली भी हैं।

वेज बहू को ममी का ग्रीन सिग्नल
वरुण के प्यार को मां मेनका ने खुशी-खुशी हरी झंडी दिखा दी। उसकी एक बड़ी वजह यह भी थी कि यामिनी वेजिटेरियन हैं। अक्सर वरुण और यामिनी को इंपीरियल होटेल के स्पाइस रूट, अशोका के मशरूबिया, अगस्त मून के टी हाउस में साथ-साथ दिखाई देते हैं। खुद यामिनी इटैलियन डिश की एक्सपर्ट हैं।