Wednesday, October 13, 2010

भारत ने बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को हराया

बेंगलुरु।। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया को दूसरे टेस्ट में भी सात विकेट से धूल चटा दी। इस तरह भारत ने यह सीरीज 2-0 से जीत ल
ी। पहली पारी में डबल सेंचुरी बनाने वाले सचिन तेंडुलकर ने दूसरी पारी में फिफ्टी बनाई।

यह पहली बार है जब भारत ने वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया है। ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्ष 1982 के बाद यह पहला मौका है जब किसी टीम ने उसका सूपड़ा साफ किया है। 1982 में पाकिस्तान के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया को 0-3 से हार का मुंह देखना पड़ा था। रिकी पॉन्टिंग को भी अब अपनी कप्तानी में इंडिया के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए और इंतजार करना होगा।

मोहाली में पहला टेस्ट मैच एक विकेट से जीतने वाली टीम इंडिया ने सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया। इस जीत के साथ भारत ने टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक की स्थिति और मजबूत कर ली जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम पांचवें स्थान पर खिसक गई।

ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 207 रन की चुनौती रखी थी। दूसरी पारी में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और तीसरे ओवर में हिल्फेनहॉस ने सहवाग को विकेटकीपर पेन के हाथों कैच आउट करवाकर मेजबान टीम को पहला झटका दिया।

अनुभवी बैट्समैन राहुल द्रविड़ के स्थान पर फर्स्ट डाउन सौराष्ट्र के चेतेश्वर पुजारा को भेजा गया। पहला टेस्ट खेल रहे इस बैट्समैन ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को निराश नहीं किया। पुजारा ने मुरली विजय के साथ दूसरे विकेट के लिए तेजतर्रार 72 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदों को काफी हद तक समाप्त कर दिया।

विजय ने 45 बॉल्स की पारी में 6 चौके लगाए और वह वॉटसन का शिकार बने। पुजारा का साथ देने मास्टर ब्लास्टर सचिन क्रीज पर आए और इन दोनों बल्लेबाजों ने तीसरे विकेट के लिए 57 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया की रही सही उम्मीदें भी खत्म कर दीं।

पुजारा ने पांचवें दिन की टूटी विकेट पर भी स्वाभाविक शॉट लगाए और 89 गेंदों की पारी में सात चौके जड़े। हॉरिट्ज की एक स्पिन बॉल को पुजारा समझने में नाकामयाब रहे और बोल्ड हो गए। चायकाल के समय भारत का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 185 रन था। दिन के अंतिम सत्र में सचिन और राहुल द्रविड़ ने जीत की औपचारिकताएं पूरी कीं। इस बीच सचिन ने आपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी की। उन्होंने 77 बॉल की पारी में पांच चौके और दो छक्के लगाए।


इससे पहले पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में 223 रन बनाकर सिमट गई। चौथे दिन का खेल खत्म तक ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर 202 रन बनाए थे। पांचवे दिन का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही मिशेल जॉनसन को जहीर खान बोल्ड कर दिया। इसके बाद बेन हिल्फेनहॉस को एस. श्रीसंत ने पेवेलियन की राह दिखाई। जहीर ने पीटर जॉर्ज को अपना तीसरा शिकार बनाया और पूरी मेहमान टीम 223 रनों पर ढेर हो गई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कप्तान रिकी पॉन्टिंग को छोड़ कोई दूसरा बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का सामना नहीं कर सका। पॉन्टिंग ने 72 रनों की जुझारू पारी खेली। भारत की ओर से जहीर और प्रज्ञान ओझा ने तीन-तीन विकेट चटकाए। हरभजन सिंह और श्रीसंत ने दो-दो विकेट लिए। 

टेस्ट के सबसे रोमांचक दिनों में से होगा आखिरी दिन: सचिन
बेंगलुरु ।। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारत के निचले बल्लेबाजों के नाटकीय ढंग से आउट होने के बाद टीम ने अच्छी वापसी की है, लेकिन
मैच अब अहम मोड़ पर है।

तेंडुलकर ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ' कम समय में पांच विकेट खो देने से निराशा है। लेकिन यह खेल ही ऐसा है। मेरे विचार से हमने अच्छी वापसी की है और गेंदबाजों ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। आखिरी दिन हमारे लिये बड़ा दिन होगा। ' भारत की पहली पारी में शानदार 214 रन बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि मैच अहम मोड़ पर है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम दबाव का किस तरह सामना करते हैं और खुद कैसे प्रदर्शन करते हैं। सचिन ने कहा कि नतीजा जो भी हो आखिरी दिन टेस्ट क्रिकेट के सबसे रोमांचक दिनों में से एक होगा।

तेंडुलकर ने कहा, ' पिच पर दरारें उभर गई हैं और अब इस पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं है। उछाल और रफ्तार से तालमेल बिठाने के लिये हमें कुछ समय देना होगा। हम पीछा करने के लिए बड़ा लक्ष्य नहीं चाहते। उम्मीद है कि हमारे गेंदबाज कल टारगेट को कम से कम रखने की कोशिश करेंगे। यह पूछने पर कि क्या उन्होंने अपने बेटे की इस सलाह को मान लिया है कि जब स्कोर 90 से ज्यादा हो तो सेंचुरी के लिये छक्के लगाये जाएं, तेंडुलकर ने कहा कि कई बार आप ऐसे शॉट खेलते हैं और कई बार नहीं खेलते।