Monday, October 25, 2010

हिस्स

मूवीः हिस्स
कलाकार : मल्लिका सहरावत , इरफान , रमन त्रिखा , दिव्या दत्ता
निर्माता : रतन जैन विक्रम सिंह
स्क्रिप्ट - निर्देशन : जेनिफर लिंच
गीत-संगीत : अनु मलिक
सेंसर सर्टिफिकेट :
अवधि : 106 मिनट 
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 बॉलिवुड में नागिन का बदला और नाग मणि हासिल करने की चाह में कुछ भी कर गुजरने का जज्बा हमेशा बॉक्स ऑफिस पर बिकाऊ रहा है। इस फॉर्म्युले में दर्शकों की हर क्लास को टिकट खिड़की तक खींचने का दम माना जाता है।

इस सब्जेक्ट पर बरसों पहले प्रदीप कुमार - वैजयंती माला की नागिन सुपर हिट रही , तो राज कुमार कोहली की मल्टिस्टारर नागिन ने रीना रॉय को नंबर वन की हीरोइनों में शुमार किया। सत्तर के दशक में नागिन बनी श्रीदेवी ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए रेकॉर्ड बनाए। पिछले कुछ अर्से से लगातार फ्लॉप फिल्मों की मार झेल रही मल्लिका सहरावत को भी मर्डर के बाद अपने नाम दूसरी हिट फिल्म दर्ज कराने का शॉर्ट कट नागिन बनना ही सही लगा।

अगर आप नागिन पर बनी इन पिछली फिल्मों के नाम पढ़कर इस फिल्म को देखने जा रहे हैं , तो समझ लीजिए इस फिल्म में पिछली फिल्मों जैसा कुछ भी नहीं है। इस नागिन का बदला लेने का स्टाइल बेहद क्रूर है। वह अपने दुश्मन को डसती नहीं बल्कि अपना विराट रूप धर निगल जाती है। दरअसल , इस फिल्म को हॉलिवुड की डायरेक्टर जेनिफर ने कुछ ऐसे ढंग से फिल्माया है कि इस नागिन को इंटरनैशनल मार्केट तक भी ले जाया जाए।

यही वजह है कि ओवरसीज मार्केट पर ज्यादा फोकस हुआ और फिल्म में उन मसालों को फिट नहीं किया जा सका जो ऐसी फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर हिट कराते हैं। मल्लिका के अब तक के करियर की यह पहली ऐसी फिल्म है जिसमें वह स्टार्ट टु एंड खामोश रहीं। बेशक , तकनीक के मामले में फिल्म को नागिन के सब्जेक्ट पर बनी अब तक की फिल्मों में अव्वल है , लेकिन वहीं फिल्म में कहानी का बार टूटना और बार - बार नागिन बनी मल्लिका का न्यूड होकर खंभों पर चढ़ना समझ से परे है।

वहीं जेनिफर ने तकनीक को कुछ ज्यादा महत्व देते हुए बार नागिन बनी मल्लिका का केंचुली बदलना भी आम दर्शकों की कसौटी पर खरा नहीं उतरता।

कहानी : विदेश से अमर होने की चाह में नाग मणि की तलाश में भारत आया जॉर्ज स्टेट्स ( जैफ दोचे ) साउथ के जंगल में प्रेम क्रीड़ा करती नाग - नागिन की जोड़ी में से नाग को अपने कब्जे में लेता है। जॉन के साथ आए सपेरों की टीम का एक सदस्य उसे बताता है नागिन उससे बदला लेगी और उसकी टीम के हर सदस्य का मार डालेगी। जॉन पर इन बातों का कोई असर नहीं होता और वह नाग को अपने कब्जे में लेकर एक गुमनाम जगह ले जाता है। अपनी आंखों के सामने अपने प्रेमी नाग को बंदी बनाते जॉन और उसकी टीम के सदस्य की तस्वीर अपनी आंखों में कैद करने के बाद नागिन ( मल्लिका सहरावत ) अपना रूप बदलकर बदला लेने निकलती है।

इस नागिन का बदला लेने का तरीका बेहद वीभत्स है। वहीं शहर में एक के बाद एक हो रही हत्याओं की जांच का काम जब इंस्पेक्टर विक्रम गुप्ता ( इरफान खान ) शुरू करता है तो शुरू में तो उसे यह काम किसी खूंखार हत्यारे का लगता है लेकिन जैसे - जैसे जांच आगे बढ़ती है विक्रम भी यकीन करने लगता है इन हत्याओं के पीछे किसी नागिन का बदला हो सकता है।

ऐक्टिंग : इस फिल्म में मल्लिका के पास कोई संवाद नहीं है। यही वजह है कि कुछ सीन्स में मल्लिका ने अपनी आंखों से कमाल का काम लिया है। इंस्पेक्टर विक्रम के रोल में इरफान खान छाए हुए है। नाग मणि की चाह में भारत आए सनकी अंग्रेज जॉन के रोल में जैफ बस शोर मचाते नजर आते हैं। हां , छोटी भूमिका में दिव्या दत्ता अच्छी रहीं। फिल्म में मल्लिका के न्यूड सीन्स की बेहद चर्चा रही लेकिन फिल्म में जेनिफर ने इन्हें ऐसे ढंग से पेश किया है कि दृश्य कहानी का हिस्सा लगते हैं।

डायरेक्शन : जेनिफर ने फिल्म के कैमरामैन से बेहद अच्छा काम लिया है। फिल्म को ओवरसीज मार्केट में हिट कराने और मल्लिका को इंटरनैशनल स्टार बनाने की ' ख्वाहिश ' में जेनिफर ने कुछ ऐसा किया , जो ऐसे टेस्ट की फिल्मों के शौकीनों को फिल्म से दूर करता है।

संगीत : अनु मलिक का संगीत फिल्म के माहौल पर पूरी तरह से फिट है। बैकग्राउंड स्कोर दमदार है। मल्लिका पर फिल्माए डोले डोले रे तन मेरा मन में अनु मलिक ने बीन की धुन का खूबसूरती से इस्तेमाल किया है।

क्यों देखें : अगर नागिन का बिल्कुल बदला लेटेस्ट खौफनाक रूप और मल्लिका की खामोशी देखनी है तो फिल्म देखिए। फैमिली क्लास और मसाला फिल्मों के शौकीनों को इस नागिन से निराशा होगी।